प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा

सरयू राय ने तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई अपने गांव के प्राथमिक विद्यालय में की। इसके बाद की पढ़ाई के लिए उनके गांव और आसपास के इलाके में कोई विद्यालय नहीं था। गांव के बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए पांच किलोमीटर दूर ब्लॉक मुख्यालय इटाढ़ी स्थित विद्यालय जाना पड़ता था। यहां जाना आसान नहीं था। बच्चों को पैदल सोन नदी, नहर के किनारे खेतों से होकर जाना पड़ता था। सरयू राय किसी भी सूरत में आगे की पढ़ाई करना चाहते थे इसलिए उन्होंने पांच किलोमीटर दूर जाकर पढ़ाई करने का फैसला किया। गांव के अन्य बच्चों के साथ वह रोजाना नंगे पैर नदी, नहर और खेतों से होकर पांच किलोमीटर का फासला तय करके स्कूल जाने लगे। उन्होंने पूरी मेहनत और लगन से पढ़ाई की और वर्ष 1966 में बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड से हाईस्कूल की परीक्षा विज्ञान विषयों के साथ उत्तीर्ण की। उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति (नेशनल मैरिट स्कॉलरशिप) से नवाजा गया।

इसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिए पटना आ गए। यहां प्रतिष्ठित पटना साइंस कॉलेज में उन्होंने प्री-यूनिवर्सिटी विज्ञान में एडमिशन लिया। प्री-साइंस में उनका रिजल्ट शानदार रहा। इस परिणाम के आधार पर 1967 में उनका चयन बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना के इलेक्ट्रिकल ब्रांच के लिए हो गया लेकिन उन्होंने साइंस कॉलेज, पटना से ही भौतिक विज्ञान की पढ़ाई को प्राथमिकता दी। साइंस कॉलेज, पटना से भौतिक विज्ञान ऑनर्स में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने 1970-72 बैच में स्पेक्ट्रोस्कोपी के साथ मास्टर डिग्री हासिल की।