अयोग्य व्यक्ति की नियुक्ति के खिलाफ बन्ना गुप्ता पर कार्रवाई हो: सरयू राय
13 September 2024 | जमशेदपुर
झारखण्ड फार्मेसी कांउसिल के निबंधक-सह-सचिव पद का प्रभार राहुल कुमार की नियुक्ति का मामला
-कमेटी का प्रतिवेदन देखने से लगता है कि इन्होंने जाँच में फर्जीवाड़ा किया है
-प्रतिवेदन में राहुल कुमार द्वारा कार्यालय में समर्पित प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं कराने की बात
-जाँच समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने बन्ना गुप्ता के दबाव में प्रतिवेदन दिया, तथ्यों पर लीपापोती की
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से मांग की कि झारखण्ड फार्मेसी कांउसिल के निबंधक-सह-सचिव पद का प्रभाव राहुल कुमार नामक व्यक्ति को देने का निर्देश जारी करने के लिए सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ कारवाई की जाए।
श्री राय ने यहां जारी एक बयान में कहा कि श्री बन्ना गुप्ता ने एक अयोग्य व्यक्ति को झारखण्ड फार्मेसी कांउसिल का निबंधक सह सचिव बनाने का निर्देश स्थापित प्रक्रिया की अवहेलना करके किया है।
उन्होंने कहा कि श्री बन्ना गुप्ता ने नियुक्ति करने के बाद एक चार सदस्य कमेटी गठित की है जो राहुल कुमार की योग्यता के बारे अपनी राय देगी।
इस कमेटी ने विगत 14 अगस्त, 2024 को अपना प्रतिवेदन दिया, जिसमें कहा है कि ‘‘श्री राहुल कुमार निबंधक सह सचिव झारखण्ड फार्मेसी कांउसिल के लिए वंछित योग्यता रखते हैं।
इस कमेटी में निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवायें, निदेशक (औषधि), प्रतिनिधि (चिकित्सा पर्षद) और राज्य एनालिस्ट शामिल हैं। निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवायें, इस कमेटी के आयुक्त हैं।
श्री सरयू राय ने कहा कि चार सदस्य कमेटी का प्रतिवेदन देखने से लगता है कि इन्होंने जाँच में फर्जीवाड़ा किया है। एक ओर जाँच प्रतिवेदन में कहा गया है कि ‘श्री राहुल कुमार द्वारा कार्यालय में समर्पित प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं कराया गया है’’ तो दूसरी ओर राहुल कुमार को योग्य भी करार किया है।
श्री राय के अनुसार, जाँच समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने मंत्री श्री बन्ना गुप्ता के दबाव में प्रतिवेदन दिया है और तथ्यों पर लीपापोती की है। इन सभी के विरूद्ध कारवाई की जानी चाहिये।
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक ने कहा है कि उपर्युक्त जाँच समिति ने महत्वपूर्ण तथ्यों पर विचार ही नहीं किया। झारखण्ड स्टेट फार्मेसी कांउसिल के सदस्य श्री अमित कुमार ने अध्यक्ष झारखण्ड स्टेट फार्मेसी कांउसिल को पत्र लिखकर बताया है कि राहुल कुमार ने फार्मेसी कांउसिल के कार्यालय में घुसकर दिन के 11 बजे कागजातों को फाड़ दिया, इसलिए राहुल कुमार के विरूद्ध तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराई जाय। यह एक तथ्य है।
दूसरा तथ्य है राहुल कुमार की बैचलर एवं फार्मसी (2018-2022) के प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा। इस पर भी कमेटी ने ध्यान नहीं दिया। इन्होंने बी.फार्मा की डिग्री वाईबीएन यूनिवर्सिटी से लिया है।
श्री राय के अनुसार, झारखण्ड फार्मेसी कांउसिल के अध्यक्ष अनिल प्रसाद सिंह ने दिनांक नौ सितंबर 2024 को वाईवीएन यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक को एक पत्र भेजा है कि राहुल कुमार का रौल नंबर उनके द्वारा सौंपे गये अंकपत्र में 182122 है और विश्वविद्यालय द्वारा कांउसिल के भेजे गये पत्र में 1821122 है। दोनों में अंतर कैसे हो सकता है? इसके अतिरिक्त वाईबीएन यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किये गये सर्टिफिकेट में राहुल कुमार के प्रोजेक्ट का शीर्षक और इनके द्वारा एनरोलमेंट कराते समय दिये गये शीर्षक में भी भिन्नता है। फार्मसी कांउसिल के अध्यक्ष वाईबीएन यूनिवर्सिटी के परीक्षा निदेशक है। इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है कि राहुल कुमार द्वारा समर्पित प्रोजेक्ट रिपोर्ट के शीर्षक और यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किये गये सर्टिफिकेट में अंकित विषय के शीर्षक में अंतर क्यो है।
श्री राय ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राहुल कुमार की डिग्री फर्जी है।
श्री सरयू राय ने कहा: आश्चर्य है कि राहुल कुमार के नियुक्ति का आदेश देते समय स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता ने जान बूझ कर राहुल कुमार की डिग्री का फर्जीवाड़ा को झुपाने का प्रयास किया है। इस फर्जीवाड़े को छुपाने के लिए निदेशक स्वास्थ्य की अध्यक्षता में चार सदस्य जाँच कमेटी गठित कर दिया है।
सरयू राय ने आरोप लगाया कि जाँच कमेटी ने भी तथ्यों पर पर्दा डाला है और राहुल कुमार द्वारा कार्यालय में समर्पित प्रमाण पत्रों का सत्यापन वाईबीएन यूनिवर्सिटी से कराये बिना इन्हें निबंधक सह सचिव झारखण्ड फार्मेसी कांउसिल ने योग्य करार दिया।
सरयू राय के अनुसार, जानबूझ कर की गई अनियमितता के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, निदेशक स्वास्थ्य सेवाये एवं अन्य तीन सदस्यों के भ्रष्ट आचरण के विरूद्ध मुख्यमंत्री द्वारा करावाई की जानी चाहिये।
उन्होंने कहा: ऐसा प्रतीत होता है कि राहुल कुमार की नियुक्ति के मामले में व्यापक धन शोधन भी हुआ है। इससे पहले राहुल कुमार के बहनोई निबंधक-सह-सचिव झारखण्ड फार्मेसी कांउसिल थे। इनके कार्यकाल में एक बार भी फार्मेसी कांउसिल का हिसाब-किताब नहीं हुआ।
विधायक श्री सरयू राय ने फार्मेसी कांउसिल के हिसाब-किताब का अविलंब अंकेक्षण कराने की मांग की है और कहा कि इसका अंकेक्षण होने से फार्मेसी कांउसिल में बड़े पैमाने पर हुए वित्तीय भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होगा है। इससे स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका की संलिप्तता भी सामने आयेगी।
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