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जमशेदपुर में लघु भारत स्मारक निर्माण को लेकर व्यापक सहमति


01 September 2024 | जमशेदपुर

सरयू राय के जमशेदपुर में लघु भारत विरासत स्मारक की स्थापना को लेकर पहली बैठक संपन्न

- दुबई की तरह भारत में भी सभी राज्यों की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक/पौराणिक विरासतों की झलक लोग देख सके:सरयू
- जमशेदपुर में सभी राज्यों के विरासतों की स्थापना के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ष्ध 
-बैठक में विभिन्न राज्यों, समुदायों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया

 जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय की पहल पर जमशेदपुर में ‘‘लघु भारत विरासत स्मारक’’ की स्थापना को लेकर टेल्को के रिक्रिएशन क्लब में एक बहुआयामी विमर्श का आयोजन किया गया। इसमें 75 से अधिक प्रबुद्धजनों ने शामिल होकर विभिन्न प्रांतों का प्रतिनिधित्व किया। इन्होंने अपने बहुमूल्य विचार रखे। लोगों ने श्री राय के इस पहल की सराहना की। 


विधायक सरयू राय ने विमर्श को आरंभ करते हुए कहा कि आज पूरा देश मानता है कि जमशेदपुर लघु भारत (मिनी इंडिया) है। टाटा स्टील की स्थापना के बाद विभिन्न प्रांतों के लोगों ने यहां आकर अपनी सेवाएं दी और जमशेदपुर में बस गए। देश के लगभग सभी राज्यों के लोग यहां सकुशल निवास कर रहे हैं। ये लोग जमशेदपुर में सामाजिक, राजनीतिक तथा जनहित के सभी कार्यों में बढ़-चढ़ कर भागीदारी कर रहे हैं। जमशेदपुर में विभिन्न प्रांतों के लोगों की विरासत, परंपरा, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पद्धति आदि के दर्शन होते हैं। शहर ने लघु भारत की पहचान बना ली है। श्री राय ने दुबई के ग्लोबल विलेज का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 90 देशों की सभ्यता-संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। वे चाहते हैं कि इसी तरह जमशेदपुर में भी एक ऐसा स्थल बने, जहां पूरे भारत देश के विभिन्न प्रांतों की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक/पौराणिक विरासतों की झलक लोगों को मिल सके। इसके लिए उन्होंने टाटा मोटर्स के अधिकारियों से चर्चा की है और उन्हें भूखंड उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। इसके पश्चात उन्होंने टाटा मोटर्स के अधिकारियों के साथ भुवनेश्वरी मंदिर और वैली व्यू स्कूल के समीप एक भूखंड को जाकर देखा भी। सभी राज्यों के विरासतों की स्थापना के लिए यहां पर्याप्त जमीन उपलब्ष्ध है।  श्री राय ने कहा कि लघु भारत स्मारक स्थल निर्माण के लिए परामर्शी का सहयोग लिया जाएगा। 


विमर्श में सीजीपीसी के चेयरमैन और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ‘तोते’ एवं महामंत्री आर के सिंह ने कहा कि वे बढ़-चढ़कर इसमें सहयोग करेंगे। वाई ईश्वर राव ने कहा कि हम इस अनूठी पहल का समर्थन करते हैं। गुजराती समाज की प्रतिनिधि स्मिता पारिक और विनिता शाह ने कहा यह कला-संस्कृति और टूरिज्म प्वाइंट के रूप में विकसित होगा और विश्व भर में विख्यात हो जायगा। 


बिहार प्रांत के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित शकुंतला पाठक ने कहा कि श्री राय का विचार बेहद सराहनीय है। इससे समाज में सांस्कृतिक धरोहर का पुनर्विलोकन हो सकेगा। कृष्णा सिन्हा ने कहा कि जमशेदपुर के लिए यह धरोहर होगा तो यूपी से आईं रागिनी भूषण ने कहा कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और साहित्यिक पुस्तकालय भी इसमें होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने धरोहर में व्यावसायिक विशेषताएं, लोक कलाओं आदि की संरचना तैयार करने की बात कही। मिथिला समाज की प्रतिनिधि के रुप में पधारीं बबली मीरा ने कहा कि मिथिला का कल्चर और आर्ट आगे बढ़े, ये मेरा सुझाव है। 

उत्कल एशोसियेशन के महासचिव तरूण मोहंती और मनोरंजन गौड़ ने कहा कि पूरा समाज इसका समर्थन करता है। बंगाली एसोसिएशन के मिथलेश घोष, सबुज कल्याण ने कहा कि यह एक ऑइकॉनिक सेंटर बनेगा। बीडी गोपाल कृष्णा ने कहा कि यहां भारत माता की प्रतिमा की स्थापना होनी चाहिए। डीबीएमएस स्कूल की पामिला पुष्कर ने कहा कि टूरिज्म के साथ एजुकेशन को प्रमोट किया जाय, पौराणिक ज्ञान को दर्शाया जाय। स्मारक का लाइव डेमोंसट्रेशन हो। बाल साहित्य, स्कील डेवेलपमेंट, लोकल फार वोकल के मद्देनजर स्मारक बने। केरेला समाज के प्रतिनिधि केपी जी नायर ने कहा कि जो भी हो, सस्टेनेबल हो।  साहित्यकार सुधा गोयल ने कहा कि सहयोग करने का अवसर मिला है हमें। पूरी सामर्थ्य और योग्यता से साथ दूंगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश की प्रदर्शनी लगाने की भी बात कही। अंजनी सहाय ने कहा कि अलग-अलग राज्यों का एक ग्रुप बनाया जाय। उस ग्रुप को अलग-अलग राज्यों की विशेषता तय करने का काम दिया जाए। गुजराती समाज के दीपक पंचामिया एवं जयेश ए. अमिन ने कहा कि स्मारक बने और उसकी मेंटनेंस भी हो। एन राम मूर्ति ने कहा कि धर्म शास्त्र समूह की व्यवस्था है। इसका साउथ इंडियन परिवार समर्थन करता है। 


श्री राय ने उनके विचारों को गंभीरतापूर्वक सुनने के पश्चात उनका आभार जताया। श्री राय ने कहा कि आज पहली बैठक हम लोगों ने की है। आवश्यकतानुसार आगे बैठक कर लघु भारत विरासत स्मारक स्थल का निर्माण की व्यावहारिकता के लिए फिर से विमर्श करेंगे। इसमें टाटा मोटर्स का योगदान अधिक महत्वपूर्ण है। टाटा मोटर्स को एक संस्था या ट्रस्ट बनाने की आवश्यकता होगी। इसका निर्माण टिकाऊ एवं इको फ्रेंडली होगा। इसके लिए विशेषज्ञों से राय लेकर इस परिकल्पना को आगे बाढ़ाया जाएगा। इस संकल्पना को लेकर सबका एकमत होना बहुत बड़ी बात है। सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों से विमर्श कर अनेकता में एकता को चरितार्थ करना है।

इस मौके पर खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्वी भारत के सदस्य मनोज कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश संघ के महासचिव, डी पी शुक्ला, बिहार, बिहार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शिव कुमार सिंह, हरियाणा संघ के अशोक अग्रवाल, केरला समाजम के केपीजी नायर, वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश अग्रवाल, दिलीप कुमार गोयल, मद्रासी सम्मेलनी के उपाध्यक्ष वी नाटराजन, एस बालाकृष्णन, डाॅ. जूही समर्पिता, सुधा गोयल, जगदीप सिंह, एबी नारायण, डाॅ. आशा गुप्ता, डाॅ. अंजनी के सहाय, अन्नी अमृता, एस के दत्ता, के एन नायडू, एस वी दुर्गा प्रसाद शर्मा, नागेश्वर राव, सतीश कुमार सिंह, पूर्वी घोष, अशोक गेायल, सरबजीत सिंह, इन्द्रजीत सिंह, एम चन्द्रशेखर राव, कुलविंदर सिंह पन्नु आदि ने भी अपने विचार रखे।

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