News: West Jamshedpur


एमजीएम की नई बिल्डिंग में भूमिगत जल का इस्तेमाल न होः सरयू राय


29 January 2025 | जमशेदपुर

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से बोले जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक

सरयू के सुझाव
- पहला सुझाव-टाटा स्टील डिमना लेक के पानी से ही अस्पताल को कनेक्शन दे दे
- दूसरा सुझाव-सतनाला डैम से पानी लाकर अस्पताल में दिया जाए
- डीप बोरिंग बंद हो, इससे क्षेत्र के चापाकल सूख जाएंगे
- बोरिंग करना पर्यावरण स्वीकृति के प्रावधान के विरुद्ध है
- जितनी बोरिंग हो गई है, उसका परिचालन अविलंब बंद किया जाए

जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से कहा है कि नये एमजीएम अस्पताल भवन में भूमिगत जल का उपयोग नहीं करें, डीप बोरिंग नहीं करें. डीप बोरिंग करने से आसपास के इलाकों में चापाकल सूख जाएंगे और आम जनता परेशान होगी. अस्पताल के संचालन के लिए जो पर्यावरण स्वीकृति ली गई है, उसमें भूमिगत जल के इस्तेमाल का कोई प्रावधान नहीं है. 

यहां जारी एक बयान में सरयू राय ने कहा कि प्रावधान के अनुसार, नगर निगम से इस बात की स्वीकृति लेनी है कि वह एमजीएम अस्पताल को प्रतिदिन 300 लाख लीटर पानी देगा। अस्पताल में कुल करीब 500 लाख लीटर पानी की जरूरत होगी, उसमें से शेष जल को उपयोग में आने वाले जल को शुद्ध करके इस्तेमाल किया जाएगा.

श्री राय ने कहा कि बोरिंग करना तो पर्यावरण स्वीकृति के प्रावधान के भी विरोध में ही है. पिछले पांच वर्षों में स्वास्थ्य मंत्री या मुख्यमंत्री ने इसकी व्यवस्था नहीं की. यह नहीं सोचा गया कि अस्पताल के परिचालन के लिए पानी कहां से आएगा. ऐन चुनाव के वक्त हड़बड़ी में एमजीएम की ओपीडी को एमजीएम के नये भवन में शिफ्ट कर दिया गया. उस समय तक उस भवन को भी ठेकेदार ने हैंडओवर नहीं किया था. आज तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अस्पताल संचालन के लिए सहमति नहीं मिली है. जब शीर्ष पर बैठे अधिकारी और मंत्री ही नियमों का उल्लंघन करेंगे, तो आम जनता के लिए क्या ही कहा जा सकता है. 

श्री राय ने प्रधान सचिव को दो विकल्प सुझाए. पहला-जमशेदपुर के लिए मानगो होकर डिमना लेक का पानी जाता है तो उसमें से ही टाटा स्टील अस्पताल को कनेक्शन दे दे. दूसरा-पारडीह के पास सतनाला डैम है. वहां प्रचुर पानी है. वह जैम ऊंचाई पर है. वहां से बहुत कम खर्च में और बेहद कम समय में गुरुत्वाकर्षण बल से पानी आ जाएगा. अस्पताल को भी भरपूर पानी मिलेगा और मानगो के वासियों को भी. इन दो विकल्पों पर सरकार को काम करना चाहिए. 

श्री राय ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि स्वास्थ्य विभाग ने स्वर्णरेखा नदी से पानी खींच कर एमजीएम अस्पताल तक लाने की योजना बनाई है. यह बेहद हल्की योजना है. इसमें ढाई साल तक का वक्त लग जाएगा और खर्च भी ज्यादा आएगा तथा पानी की गुणवत्ता भी ठीक नहीं होगी. अगर सरकार काम शुरु करा दे तो 6 माह के भीतर सतनाला डैम से पाईपलाइन बिछा कर पानी लाया जा सकता है. वह पानी स्वच्छ होगा, शुद्ध होगा. इस संबंध में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को वह पहले ही बता चुके हैं कि अस्पताल के परिचालन में भूमिगत जल का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि पर्यावरण स्वीकृति में इसका प्रावधान है ही नहीं. आश्चर्य है कि वहां कुछ बोरिंग हो चुके हैं और कुछ होने वाले हैं. नया बोरिंग एकदम नहीं होना चाहिए और पुराने बोरिंग का परिचानल बंद कर देना चाहिए.

#Saryu Roy         #MLA West Jamshedpur         #Mango         #Dimna Lake         #Principal Secretary Health Department Govt. of Jharkhand