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बन्ना गुप्ता पर विधि सम्मत कार्रवाई करे प्रशासन:सरयू राय


23 October 2025 | जमशेदपुर

प्रतिबंधित ग्लॉक पिस्टल प्रकरण

-सरयू राय ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को लिखा पत्र

-पिस्टल रखने, बेचने वाले पर कार्रवाई की मांग

-यह मामला आर्म्स एक्ट के उल्लंघन का

जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिख कर  0.45 बोर की अवैध (प्रतिबंधित) ग्लॉक पिस्टल रखने, बेचने एवं इसका लाइसेंस जारी करने वालों के विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

उपायुक्त को लिखे पत्र में सरयू राय ने कहा है कि जमशेदपुर से प्रकाशित एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र में “पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता की 18 लाख की प्रतिबंधित ग्लॉक पिस्टल जब्त” शीर्षक से प्रकाशित समाचार का कृपया संज्ञान लेंगे. विलंब से ही सही जिला प्रशासन की यह पहल सराहनीय है एवं विधि सम्मत है, पर पर्याप्त नहीं है।

सरयू राय ने लिखा है कि  प्रतिबंधित आग्नेयास्त्र रखना कानूनन जुर्म है, दंडनीय अपराध है, इसे बेचना और इसका लाइसेंस जारी करना भी दंडनीय अपराध है, इससे आप अवगत हैं।  इंडियन आर्म्स एक्ट-1959 की धारा-25 में इसके लिए दंड का प्रावधान विहित है। सुलभ संदर्भ हेतु इंडियन आर्म्स एक्ट- 1959 की धारा-25 का प्रासंगिक प्रावधान इस प्रकार से है: Section 25 of the Indian Arms Act, 1959, deals with the punishment for various offenses related to firearms and ammunition, such as illegally acquiring, possessing, or carrying them, as well as selling or transporting them against the law. Penalties vary depending on the specific offense, but can include imprisonment ranging from a minimum of five years to a potential life sentence, along with fines.”
एतदनुसार दंडात्मक प्रावधान निम्नवत हैः-
Penalties under Section 25 of Indian Arms Act 29 
Acquiring, possessing, or carrying  prohibited arms: - - -Imprisonment for a term not less than five years, but which may extend to ten years, and a fine. 
(Proposed amendments increase this to not less than seven years and possibly up to 14 years). 

सरयू राय ने लिखा कि उपर्युक्त से स्पष्ट है कि प्रतिबंधित आग्नेयास्त्र धारक को कम से कम 5 वर्ष की क़ैद की सजा होगी जो 7 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है। अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक़ यह सज़ा 7 वर्ष से कम की नहीं होगी और इसे 24 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। 

श्री राय ने लिखा कि इस संबंध में उन्होंने दिनांक 28.04.2023  को पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को इस बारे में पत्र लिखा था और उनसे अवैध आग्नेयास्त्र धारक के विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

श्री राय के अनुसार, इसके पूर्व झारखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, बंगाल के अपर मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिरीक्षक, गृह मंत्रालय के अपर सचिव आदि को पत्र लिख कर बताया  था कि जमशेदपुर के कदमा निवासी तत्कालीन मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रतिबंधित ग्लॉक पिस्तौल रखा है जो कानूनन जुर्म है और दंडनीय अपराध है। 

उस समय जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे  उन्हें प्रतिबंधित पिस्तौल का लाइसेंस जारी कर दिया। 

अब जबकि यह प्रतिबंधित पिस्तौल जब्त कर ली गई है तब यह ज़रूरी हो गया है कि आर्म्स एक्ट के अधीन इसके अवैध धारक पर, इसे उन्हें बेचने वाले पर, इसका अवैध लाइसेंस उन्हें जारी करने वाले पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाय। आप सहमत होंगे कि कानून की नज़र में सभी बराबर हैं। 

सरयू राय ने लिखा कि कोई अपराधी इसलिए क़ानूनी कार्रवाई से मुक्त नहीं किया जा सकता कि वह सरकार में मंत्री पद पर है. प्रशासन को समझना चाहिए कि गम्भीर अपराध की सजा निर्धारित करने में पद और क़द आड़े नहीं आता।

सरयू राय ने उम्मीद जताई कि 
आर्म्स एक्ट का उल्लंघन कर अवैध आग्नेयास्त्र ग्लॉक पिस्तौल- रखने वाले, बेचने वाले और लाइसेंस देने वाले के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई कर कर्तव्य परायणता का परिचय देंगे।
 

बन्ना गुप्ता पर विधि सम्मत कार्रवाई करे प्रशासन:सरयू राय

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